
1965 तक पाकिस्तान के साथ भारत की सीमाओं की सुरक्षा राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन द्वारा की जाती थी। पाकिस्तान ने कच्छ में 09 अप्रैल 1965 को सरदार पोस्ट, चार बेट एवं बरिया बेट पर हमला किया। इस हमले से यह बात सामने आई कि राज्य सशस्त्र पुलिस बटालियन सशस्त्र आक्रमण का सामना करने में अपर्याप्त है जिसके कारण भारत सरकार को केंद्र के अधीन एक विशेष सीमा सुरक्षा बल की जरूरत महसूस हुई जो सशस्त्र और प्रशिक्षित बल होगा और पाकिस्तान सीमा के साथ अंतरराष्ट्रीय सीमा पर निगरानी करेगा। सचिवों की समिति की सिफारिशों के परिणामस्वरूप, सीमा सुरक्षा बल 1 दिसम्बर 1965 को अस्तित्व में आया और श्री के एफ रूस्तमजी,आईपी इसके पहले प्रमुख और संस्थापक थे। 1965 में कुल 25 बटालियन के साथ सीमा सुरक्षा बल का गठन हुआ और समय के साथ पंजाब, जम्मू व कश्मीर, नार्थ ईस्ट में आतंकवाद की रोकथाम के लिए सीमा सुरक्षा बल का विस्तार होता रहा । वर्तमान समय में सीमा सुरक्षा बल की 192 बटालियन (03 एन.डी.आर.एफ बटालियन सहित ) और 07 आर्टी रेजिमेंट भारत- पाकिस्तान और भारत - बंगलादेश की अन्तराष्ट्रीय सीमा की सुरक्षा में तैनात है। इसके अतिरिक्त सीमा सुरक्षा बल कश्मीर घाटी में घुसपैठ, नार्थ ईस्ट क्षेत्र में आन्तरिक सुरक्षा, उडीसा एवं छत्तीसगढ में नक्सली विरोधी अभियान और भारत - पाकिस्तान एवं भारत - बंगलादेश अन्तराष्ट्रीय सीमा पर एकीकृत जांच चौकी में तैनात है।
सीमा सुरक्षा बल के 50 गौरवशाली वर्ष बीएसएफ इतिहास पुस्तक - 2021