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इतिहास

सीसुब वायु स्कंध की स्थापना वर्ष 1969 में महानिदेषक सीमा सुरक्षा बल के आवागमन के लिए नेपाल के महामहिम राजा से एक पुराना क्वीन एअर सी-80 एयरक्राफ्ट की खरीद के साथ की गई थी। वर्ष 1971 में भारत-पाक युद्ध से सीख लेते हुए एवं एयरलिफ्ट हेतु विमान के उपयोग एवं सीमा सुरक्षा बल की विषेश आवष्यकताओं को पूरा करने के लिए प्रयोगिक आधार पर पाँच डकोटा डीसी-3 एयरक्राफ्ट को शामिल करके सीमा सुरक्षा बल वायु स्कंध का विस्तार किया गया। तत्पश्चात्, संसाधनों और लागतों का अनुकूलन करने के लिए, सीमा सुरक्षा बल वायु स्कंध की सेवाओं को अन्य केन्द्रीय सश्स्त्र पुलिस बलों के साथ-साथ गृह मंत्रालय के विषेश कार्यों और आंतरिक सुरक्षा डयूटियों के लिए भी विस्तृत किया गया। सीमा सुरक्षा बल वायु स्कंध, अपनी एयरक्राफ्ट की बहुलता के साथ गृह मंत्रालय, केन्द्रीय सश्स्त्र पुलिस बलो और गृह मंत्रालय के अन्य एजेंसियों की कार्यात्मक और परिचालन आवश्यकताओं को पूरा करने के उद्देश्यों को पूरा करता है।

पुरालेख

  • 1969 - 01 क्वीन एयरक्राफ्ट के साथ वायु स्कंध की स्थापना।
  • 1972-1974 - 5 डकोटा एयरक्राफ्ट शामिल किए गए।
  • 1982-1984- 2 एसकेए-बी200 एयरक्राफ्ट शामिल किए गए।
  • 1982-91 - डकोटा के स्थान पर 5 एवीआरओ एयरक्राफ्ट शामिल किए गए।
  • 1989 - 1 चेतक हेलीकाफ्टर शामिल किया गया।
  • 1994 - 1 एसकेए बी-200 एयरक्राफ्ट शामिल किया गया।
  • 1997 - 1 चीता हेलीकाफ्टर शामिल किया गया।
  • 2003 - 6 एमआई-17 1वी हेलीकाफ्टरों को शामिल किया गया।
  • 2005 - 1 एम्बरेयर एयरक्राफ्ट शामिल किया गया।
  • 2009-12 - 8 एएलएच/ध्रुव हेलीकाफ्टरों को शामिल किया गया।
  • 2014-15 - 8 एमआई-17 वी5 हेलीकाफ्टरों को शामिल किया गया।

वर्तमान हवाई संपत्ति

  • एम्बरेयर 135 बी जे एयरक्राफ्ट - 01
  • एमआई-17 वी5 हेलीकाप्टर - 08
  • एमआई-17 1वी हेलीकाप्टर - 06
  • एएलएच/ध्रुव हेलीकाप्टर - 06
  • चीता हेलीकाप्टर - 01

भूमिका

  • गृह मंत्रालय के मंत्रियों, संघ के गृह सचिव, केन्द्रीय सशत्र बलों के महानिदेशक और गृह मंत्रालय के संयुक्त सचिव से वरिष्ठ अन्य अधिकारियों के शासकीय दौरे।
  • केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों की संक्रियात्मक गतिविधियों के अंतर्गत संबंधित केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के निदशक (चिकित्सा) के विस्तृत सिफारिश पर दूरदराज क्षेत्र में स्थित सीमा चैकीयों में हवाई मार्ग से राशन एवं अन्य सामग्री उपलब्ध कराना, आंतरिक सुरक्षा के रखरखाव के लिए कार्मिकों को हवाई मार्ग से एयर लिफ्ट करना, कानून व्यवस्था, अपराध नियंत्रण, महत्वपूर्ण प्रतिष्ठानों की सुरक्षा, वीआईपी सुरक्षा, युद्ध में गंभीर रूप से घायल केन्द्रीय सश्स्त्र पुलिस बलों के कार्मिकों की हवाई मार्ग से निकासी करना, गंभीर रूप से बीमार केन्द्रीय सशस्त्र पुलिस बलों के कार्मिकों को हवाई मार्ग से निकासी आदि सम्मिलित है।
  • एक्शन/ड्यूटी में शहीद हुए केन्द्रीय सशस्त्र बलों के पार्थिव शरीर की एयरलिफ्टिंग।
  • आपदा प्रबंधन के लिए संक्रियात्मक प्रतिबद्धताएं जैसे कि राहत सामग्री पहुंचाना, राहत दल ले जाना और प्राकृतिक आपदाओं या अन्य कारणों से आने वाले तीव्र संकट के समय में प्रभावित/असहाय व्यक्तियों की सहायता/निकासी।
  • भारतीय शिष्ट मंडल /गृह मंत्रालय के शिष्ट मंडल के दूसरे देशो के सरकारी दौरे।
  • आवश्यकता पड़ने पर वायु परिसम्पत्तियों को मुख्य मरम्मत और रखरखाव के लिए दूसरे देशों को ले जाना।
  • गृह मंत्रालय द्वारा अधिकृत किए गए किसी कार्मिक को ले जाने अथवा सर्वेक्षणए संचार परीक्षणए सुरक्षा के उद्देश्य इत्यादि के लिए उड़ान इत्यादि सहित गृह मंत्रालय द्वारा सौंपी गई अन्य जिम्मेवारी निभाने के लिए।
  • समय समय पर गृह मंत्री/गृह सचिव द्वारा सौंपे गए अन्य कार्या के निष्पादन हेतु।

एयरबेस

वायुयानों के संचालन के लिए गृह मंत्रालय द्वारा निम्नलिखित एयरबेस की मंजूरी दी गई है और ये सभी संक्रियात्मक रूप से क्रियाशील हैं:-

  • पालम हवाई अड्डाए दिल्ली . फिक्स्ड विंग विमान
  • सफदरजंग हवाई अड्डाए दिल्ली . रोटरी विंग ;एमण्आई .17द्ध हेलीकॉप्टर
  • रायपुर हवाई अड्डा . एण्एलण्एच हेलीकॉप्टर
  • रांची हवाई अड्डा . एण्एलण्एच एवं ;एमण्आई.17द्ध हेलीकॉप्टर
  • गुवाहाटी हवाई अड्डा . एमण्आई.17 हेलीकॉप्टर
  • अगरतला हवाई अड्डा . एण्एलण्एच हेलीकॉप्टर
  • श्रीनगर . एमण्आई.17 एवं चीता हेलीकॉप्टर

जोधपुर, देहरादून में हेलीकॉप्टर का बेस बनाने का प्रस्ताव भी विचाराधीन हैं।