
सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, बैंग्लोर का संक्षिप्त विवरण
यहलंका कैंपस का इतिहास उतना ही पुराना है जितना इस बल का। वर्ष 1967 मे 140 एकड़ से अधिक क्षेत्र को सर्वप्रथम 102 वीं वाहिनी ने रिजर्व वाहिनी सीमा सुरक्षा बल के निकलने के बाद उसी स्थान पर वर्ष 1968 मे सहायक प्रशिक्षण केन्द्र की स्थापना की गई जिसका उद्देश्य आरक्षको विशेषतः दक्षिण भारतीय उम्मीदवारो को बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान करना था। धीरे-धीरे प्रशिक्षण केन्द्र सेवाकालीन पाठ्यक्रमो के लिए भी प्रशिक्षण प्रदान करने लगा। इस प्रकार प्रशिक्षण के क्षेत्र मे सहायक प्रशिक्षण केन्द्र की जिम्मेदारी कई गुना बढ़ गई और सभी चुनौतियो को स्वीकार करते हुए इस सहायक प्रशिक्षण केन्द्र ने प्रशिक्षण मे गुणवत्ता वृद्धि के लिए तेजी से कदम बढ़ाए है।
वर्तमान मे संचालित पाठ्यक्रम निम्नलिखित हैः-
सीमा सुरक्षा बल के अतिरिक्त उत्तर प्रदेश व राजस्थान के आरक्षको को भी यहाँ प्रशिक्षित किया गया है इस प्रकार आयोजित किए जाने वाले बुनियादी प्रशिक्षण इस प्रकार हैः-
अभी तक कुल 28,959 कार्मिको को बुनियादी प्रशिक्षण प्रदान किया जा चुका है जिसमे राज्यो के पुलिस कर्मी भी शामिल है।
नव आरक्षको के अलावा प्रशिक्षण सीमा प्रहरियो के लिए संचालित किये जाने वाले सेवाकालीन पाठ्यक्रम निम्नलिखित हैः-
ख) पदोन्नति पूर्व पाठ्यक्रम व अनिवार्य पाठ्यक्रम
आवश्यकतानुसार सहायक प्रशिक्षण केन्द्र द्धारा संचालित पदोन्नति पूर्व पाठ्यक्रम व अनिवार्य पाठ्यक्रम इस प्रकार हैः-
उपरोक्त दोनो पाठ्यक्रमो अर्थात् व्यवसायिक और पदोन्नति पूर्व व अनिवार्य पाठ्यक्रमो मे अभी तक 22,459/- कार्मिको को प्रशिक्षित किया जा चुका है।
उपरोक्त पाठ्यक्रमो के अलावा प्रशिक्षण निदेशालय (बल मुख्यालय) की आवश्यकतानुसार आवंटित पाठ्यक्रमो को भी सहायक प्रशिक्षण केन्द्र द्धारा संचालित किया जाता रहा है।
इस संस्थान के लिए गर्व की बात है कि सहायक प्रशिक्षण केन्द्र को ड्रिल पाठ्यक्रमो के लिए उत्कृष्टता केन्द्र घोषित किया गया है। यह एक मात्र प्रशिक्षण केन्द्र है जो ड्रिल के साथ-साथ कुकिंग मे भी पाठ्यक्रम संचालित करता है। यहाँ तक कि बी. जी. बी. ( बार्डर गार्ड बांग्लादेश) के रसोइया भी अपने भोजन निर्माण कौशल का प्रशिक्षण यहाँ से प्राप्त करते है।
स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस परेड
पुलिस द्धारा हर साल राज्य स्तर पर आयोजित स्वतंत्रता दिवस व गणतंत्र दिवस परेड मे सहायक प्रशिक्षण केन्द्र का दल हिस्सा लेता है। और हर साल अर्जित की गई ब्यौरा इस प्रकार हैः-
ऊर्जा फुटबाल कप (अंडर-19)
ऊर्जा सी. ए. पी. एफ. यूथ अंडर-19 फुटबाल टैलेंट हंट (लड़को व लड़कियो)- द्धितीय चरण, का आयोजन 17 जून 2017 से 25 जून 2017 तक श्री कांतीवरा स्टेडियम बैंग्लोर मे किया गया। उद्घाटन समारोह के अतिथि के रूप मे श्री के. गोविन्दराज, एम. एल. सी, संसदीय सचिव- मुख्यमंत्री कर्नाटक व समापन समारोह मे अतिथि के रूप मे महामहिम श्री वजूभाई रूदाभाई वाला, राज्यपाल, कर्नाटक ने कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई। तब श्री के. के. शर्मा भा. पु. सेवा तात्कालीन महानिदेशक सीमा सुरक्षा बल थे।
आदित्य मेहता साइकिलिंग अभियान
इस सहायक प्रशिक्षण केन्द्र मे पैरा स्पोर्टस कर्मिको के लिए आदित्य मेहता राष्ट्रीय प्रशिक्षण शिविर दिनाँक 26 जून, 2017 से 01 जुलाई, 2017 तक आयोजित किया गया था जिसमे शारीरिक रूप से दिव्यांग 99 कार्मिको ने भाग लिया।
पैरा साइकिलिंग अभियान इन्फिन्ट्री राइड 2020 जिसमे 30 साइकिल चालक व सहायक सवार शामिल 28 दिसम्बर, 2020 तक हैदराबाद से करूर तक आयोजित किया गया था।
फिट इंडिया मूवमेंटः-
29 दिसम्बर, 2020 को स सहायक प्रशिक्षण केन्द्र मे फिट इंडिया मूवमेंट (साइकिल-05 कि0मी0, पैदल-02 कि0मी0) का आयोजन किया गया। आयोजन मे अधिकारी-02, अधिनस्थ अधिकारी-08, अन्य रैंक-53 कुल-63 ने भाग लिया।
काउंटर इंसर्जेसी एंड एंटीटेररिज्म स्कूल के बारे मे विवरण
नक्सल विरोधी अभियान एक चुनौती पूर्ण भूमिका है। सीमा सुरक्षा बल को दो गंभीर रूप से नक्सल प्रभावित छत्तीसगढ़ व ओड़िसा राज्यों को सौपा गया है। लेकिन सीमा से नक्सल विरोधी भूमिका मे परिवर्तन करना अत्यधिक चुनौतीपूर्ण है। इस संवेदनसील कार्य के लिए पूरी वाहिनी तैनात करने के लिए विस्तृत योजना और क्रमिक तैयारी की आवश्यकता होती है। प्रारंम्भ मे निर्धारित वाहिनी और सेना की एक वाहिनी की टीमो के लिए ‘सामूहिक प्रशिक्षण’ का आयोजन या तो सी. आई. जे. डब्ल्यू, वेंरगटे (मिजोरम) या सी. बी. एस. (काप्र्स बैटल स्कूल), सरोल (जम्मू व काश्मीर) मे किया जाता था। संयुक्त रूप से प्रशिक्षित टीमे पूरी वाहिनी को नक्सल विरोधी अभियान मे संगठित और तैयारी के लिए प्रशिक्षित करती थी। इस व्यवस्था ने कुछ समय तक अच्छा काम किया और प्रशिक्षित वाहिनियों को आपरेशन मे विफलता का सामना करना पड़ा। इसले प्रशिक्षित केन्द्र व विद्यालय हजारीबाग मे वाहिनियो की केन्द्रीय टीमो को आन्तरीक प्रशिक्षण प्रदान करके प्रशिक्षण मापदण्डो मे परिवर्तन किया गया और इन टीमो ने वाहिनी के सभी कार्मिको को प्रशिक्षित किया। बाद मे यह प्रणाली भी अच्छी तरह से कार्य नही कर सकी क्योकि प्र. के. व. वि. वाहिनीयो के केन्द्रीय टीमो के प्रशिक्षण को अतिरिक्त भार वहन नही कर सका।
चिन्हित वाहिनीयो को प्रवेश पूर्ण प्रशिक्षण देने की जरुरतो को पूरा करने के लिए एक विशिष्ट प्रशिक्षण महसूस की गई। इस प्रकार सी. आई. ए. टी. अस्थायी आधार पर कराहल्ली मे वजूद मे आया। औ र फरवरी 2018 से प्रशिक्षण देना प्रारम्भ किया।
कराहल्ली सहायक प्रशिक्षण केन्द्र, यलहंका से 34 कि.मी. दूर जंगल की आदर्श स्थिति प्रदान करता है। प्राकृतिक हरित आवरण नक्सल विरोधी प्रशिक्षण के लिए उपयुक्त वातावरण प्रदान करता है।
शुरूआत मे सी. आई. ए. टी. एस. मे जी. टी. यू. टी. (ग्रुप ट्रेनिंग आफ यूनिट टीम) प्रशिक्षण शुरू किया गया, बाद मे बुनियादी ढ़ाचे और संसाधनो के विकास के साथ सी. आई. ए. टी. एस. मे नक्सल विरोधी अभियान मे तैनात होने वाली पूरी वाहिनी के प्रशिक्षण शुरूआत की।
सी. आई. ए. टी. एस. के उद्देश्य व लक्ष्य को निम्नानुसार परिभाषित किया गया है।
उद्देश्यः-
परिणामोन्मुखी अभियानो के प्रभावी नियोजन व संचालन के लिए नक्सल विरोधी अभियान मे चिन्हित बटालियनो को प्रभावी रूप से तैयार करना ।
लक्ष्यः-
काउंटर इंसर्जेसी एंड एंटीटेररिज्म स्कूल को निम्नलिखित प्रशिक्षण आयोजित करने के लिए निर्दिष्ट किया गया हैः-
अपने स्थापना के पश्चात् संस्थान ने अभी तक 5770 कार्मिको को नक्सल विरोधी अभियानो के लिए प्रशिक्षित किया है जिसमे अधिकारी, अधिनस्थ अधिकारी व अन्य रैंक शामिल है। इसके अलावा प्रवेश पूर्व प्रशिक्षण मूल रूप से नक्सल विरोधी अभियान मे तैनात होने वाली वाहिनीयो के लिए निरूपित किया गया है। यह नक्सलियो के खिलाप सख्त कार्यवायी करने के लिए कमाण्डो या स्माल एक्शन टीमो को प्रशिक्षित करता है। जब से काउंटर इंसर्जेसी एंड एंटीटेररिज्म स्कूल मे प्रवेश पूर्व प्रशिक्षण प्रारम्भ हुआ है तब से वाहिनीयो की आपरेशन क्षमता मे सुधार हुआ है और बल को कोई बड़ा नुकसान नही हुआ है।