
भुवनेश्वर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए बीएसएफ आईजी धनेश्वर कुमार शर्मा ने कहा कि ओडिशा में नक्सलवाद आखिरी सांस ले रहा है। पिछले तीन वर्ष में एक भी बड़ी नक्सली गतिविधि ओडिशा में नहीं हुई है। नक्सलियों के किसी गतिविधि को अंजाम देने से पहले ही बीएसएफ के जवान उनके मंसूबे को ध्वस्त कर देते हैं।
जागरण संवादददाता, भुवनेश्वर। ओडिशा में नक्सलवाद आखिरी सांस ले रहा है। पिछले तीन वर्ष में एक भी बड़ी नक्सली गतिविधि ओडिशा में नहीं हुई है। नक्सली किसी गतिविधि को अंजाम दें इससे पहले ही आपरेशन कर हमने नक्सलियों की कमर तोड़ दी है।
नतीजतन आज ओडिशा में ही नहीं बल्कि छत्तीसगढ़ की सीमा पर भी शांति लौट रही है। यह कहना है, बीएसएफ के आईजी धनेश्वर कुमार शर्मा ने कही है। इस अवसर पर बीएसएफ डीआईजी अश्विनी कुमार शर्मा, डीआईजी धीरेन कुमार, डीआईजी संजीव कुमार एवं अन्य बीएसएफ के अधिकारी उपस्थित थे।
भुवनेश्वर में आयोजित एक पत्रकार वार्ता को सम्बोधित करते हुए बीएसएफ आईजी धनेश्वर कुमार शर्मा ने कहा कि नक्सल गतिविधि को जड़ से खत्म करने के लिए ओडिशा सरकार के साथ मिलकर हम काम कर रहे हैं। नियमित अंतराल में कांबिंग आपरेशन चलाया जा रहा है। यही कारण है कि ओडिशा में आज नक्सली गतिविधि में काफी कमी आयी है।
नक्सली किसी बड़ी गतिविधि को अंजाम दें इससे पहले बीएसएफ टीम उन पर हमला कर उनके मंसूबे को ध्वस्त कर देती है। ऐसे में अब नक्सली छोटे-छोटे दल में बंटकर विचरण कर रहे हैं। इसके पीछे बीएसएफ जाबाजों की कड़ी मेहनत के साथ राज्य एवं केन्द्र सरकार की जनहित योजनाओं का हाथ है।
सरकार शिक्षा, स्वास्थ्य, तकनीकी ज्ञान के साथ सुदूर क्षेत्र तक इंटरनेट सेवा उपलब्ध करा दी है। हमारा प्रयास है कि नक्सली ओडिशा में अपना दुबारा पांव ना पसार पाएं। हमारे जवानों की कड़ी मेहनत का ही परिणाम है कि आज ओडिशा में नक्सलियों की लीडरशिप नहीं बची है। हमारे पास कारगर हथियार हैं। जरूरत पड़ने पर हम ड्रोन का भी इस्तेमाल कर रहे हैं। खुफिया सूचना के आधार पर हम अपनी तैयारी करते हैं और जरूरत के हिसाब से उसमें बदलाव भी करते हैं।
वर्ष 2009 नक्सलवाद को देश की समस्या मानकर बीएसएफ ने नक्सलवाद सफाया का अभियान शुरू किया। ओडिशा में जब नक्सल गतिविधि चरम पर थी तब बीएसएफ की टीम यहां तैनात हुई और आज हम नक्सली गतिविधि को लगभग खत्म कर चुके हैं।
आईजी शर्मा ने कहा कि प्रति वर्ष हम 1 दिसम्बर को राइजिंग दिवस मनाते हैं। इस वर्ष भी मनाया जाएगा। इस वर्ष बीएसएफ की तरफ से हजारी बाग में आयोजित समारोह में गृहमंत्री अमित शाह के भाग लेने का कार्यक्रम है।
नक्सल विरोधी अभियान के संचालन में राज्य पुलिस की मदद करना। स्थानीय आबादी के मन में सुरक्षा की भावना जागृत करना। राज्य एवं केन्द्र सरकार के विकास गतिविधि को सुचारू रूप से एवं तीव्र गति से संचालित करने में सहयोग करना शामिल है।
वर्तमान में सीमा सुरक्षा बल राज्य की नक्सली समस्या पर अंकुश लगाने के लिए ओडिशा के मालकानगिरी, कोरापुट और कंधमाल जिले में तैनात है। ओडिशा में बीएसएप की 8 बटालियन एवं 2 क्षेत्र मुख्यालय है। प्रत्येक सेक्टर के अधिन 4-4 बटालियन तैनात है, जिनका मुख्यालय कोरापुट, मालकानगिरी एवं कंधमाल जिले में हैं।
ओडिशा में बीएसएफ की महत्वपूर्ण उपलब्धि गुरूप्रिया सेतु के निर्माण का उल्लेख किए बिना पूरी नहीं हो सकती है। जुलाई 2018 में मुख्यमंत्री नवीन पटनायक ने गुरूप्रिया ब्रिज का उद्घाटन किया और कट आफ क्षेत्र का नाम बदलकर स्वाभिमान अंचल कर दिया।
इस पुल के निर्माण से 151 गावों को 30 हजार से अधिक आबादी राज्य की मुख्य भूमि से जुड़ गई है। इस परियोजना की परिकल्पना 1982 में की गई थी। सीमा सुरक्षा बल के सहयोग एवं सुरक्षा के चलते यह 2018 में जमीनी स्तर पर पूरी हुई। ओडिशा राज्य में नक्सलियों के खिलाफ लड़ाई में सीमा सुरक्षा बल के कई जवानों और अधिकारियों ने सहादत दी है।
प्रदेश में बीएसएफ टीम ने 65 खुंखार नक्सलियों को ढेर किया है इसमें से 1 नक्सली 2023 में मारा गया। 2023 में कुल 793 नक्सली गिरफ्तार किए गए। 632 हार्डकोर नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है। इसमें 2023 में 3 नक्सलियों ने आत्मसमर्पण किया है।
447 आईआईडी बरमाद किए गए हैं। इसमें 30 तो 2023 में बरामद किए गए। 2014 एवं 2019 में ओडिशा में आम चुनाव के दौरान नक्सली क्षेत्र में शांतिपूर्ण चुनाव कराने के लिए बीएसएफ ने स्थानीय प्रशासन की मदद की।